Good World

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Tuesday, October 23, 2012

"आत्मनिर्माण का तृतीय साधन - बुद्धि विकास"

'बुद्धि विकास' से सत्कर्म तथा दुष्कर्म का विवेक जाग्रत होता है। शुभ क्या है? अशुभ किसे कहते हैं? इत्यादि ज्ञान मनुष्य की बुद्धि के विकास द्वारा ही प्राप्त होता है। बुद्धि-विकास के चार प्रमुख साधन हैं - सत्संग, अध्ययन, विचार और भूल।

 

            -पं. श्रीराम शर्मा आचार्य,

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